पुलिस द्वारा संचालित नक्सल विरोधी “माड़ बचाओ अभियान: नक्सलवाद से माड़ को बचाओ” में सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता।नक्सली पीएलजीए मिलिट्री कम्पनी नम्बर 01 एवं माड़ डिविजन सप्लाई टीम के साथ हुई पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में 08 हथियारबंद और वर्दीधारी माओवादी ढेर।

माड़ डिवीजन के कुतुल एरिया कमेटी क्षेत्र में कोडमरका फरसबेड़ा के जंगलों में चलाया गया था नारायणपुर पुलिस का नक्सल विरोधी “माड़ बचाओ अभियान
संयुक्त अभियान में नारायणपुर, कोंडागांव, दंतेवाडा, कांकेर जिलो के एलिट फोर्सेस डीआरजी एवं एसटीएफ के साथ 53वी वाहिनी आईटीबीपी एवं बीएसएफ 135वीं वाहिनी का बल रहा शामिल।
कुल 05 दिनों तक चला अभियान। इसमें महिला कमांडो की विशेष भूमिका रही ।
मौके से 01 नग इंसास रायफल, 02 नग 303 रायफल, 03 नग 315 बोर रायफल, 01 नग बीजीएल लांचर सहित भारी मात्रा में विस्फोटक सामान व अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामग्री बरामद।
● मुठभेड़ में बड़ी संख्या में अन्य नक्सलियों के मारे जाने अथवा घायल होने की संभावना।
● 45 दिनों के अंदर नारायणपुर पुलिस के नक्सल विरोधी माड़ बचाओ अभियान को चौथी बड़ी सफलता कोडतामरका से पहले उत्तरी माड़ में काकुर, दक्षिणी माड़ में रेखावाया एवं पूर्वी माड़ क्षेत्र में ईरपनार -भट्बेड़ा में मिल चुकी है बड़ी सफलता ।


अभियान में एसटीएफ के जवान नितेश एक्का बहादुरी से नक्सलियों से लड़ते हुए शहीद हुए, दो अन्य जवान घायल और खतरे से बाहर ।
नारायणपुर पुलिस के द्वारा पिछले चार महीने से नक्सल विरोधी माड़ बचाओ अभियान संचालित कि उपस्थिति की आसूचना प्राप्त हुई
फायरिंग बंद होने पर सभी टीमों द्वारा अपने-अपने दिये गये टास्क क्षेत्र में सर्चिंग करने पर घटना स्थल के अलग-अलग स्थानों से कुल 08 वर्दीधारी नक्सलियों का शव तथा शव के पास से 01 नग इंसास रायफल, 02 नग 303 रायफल, 03 नग 315 बोर रायफल, 01 नग बीजीएल लांचर एवं भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ, दवाईयां सहित अन्य नक्सली दैनिक उपयोगी सामान बरामद हुआ। घटना स्थल में और भी खून के धब्बे दिखाई दिया जिससे प्रतीत होता है कि इस मुठभेड़ में बडी संख्या में अन्य नक्सलियों के घायल अथवा मारे जाने की संभावना है।
नारायणपुर पुलिस के नक्सल विरोधी “माड़ बचाओ अभियान” को एक सप्ताह के भीतर ये दूसरी बड़ी सफलता, एक महीने के भीतर तीसरी बड़ी सफलता और 45 दिनों के भीतर चौथी बड़ी सफलता है। ज्ञात हो की हो की 30 अप्रैल काकुर में, 24 मई को रखवाया में, 8 जून को ईरपनार-भट्बेड़ा में इसी अभियान के तहत बड़ी सफलता मिल चुकी है।
40 साल से माड़ नक्सलवाद हिंसा व भय से ग्रस्त है लेकिन अब यहांॅ के मूलवासी, आदिवासी एवं ग्रामीण हिंसा, भय एवं नक्सलवाद से मुक्त माड़ की कल्पना कर रहे हैं। नक्सल विरोधी सफल अभियानों से विकास को गति मिल रही है। बल्कि आदिवासी, मूलवासी, ग्रामीणों को विचारों की अभिव्यक्ति मिल रही है।
पुलिस महानिरीक्षक, बस्तर रेंज सुन्दरराज पी. द्वारा बताया गया कि प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी सीपीआई माओवादी संगठन के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही करने के उद्देश्य से स्थानीय पुलिस बल तथा केन्द्रीय अर्द्धसैनिक बल द्वारा विगत दिनों में बेहतर तालमेल एवं रणनीति के साथ काम करने के परिणाम स्वरूप वर्ष 2024 में अब तक बस्तर संभाग के अंतर्गत हुई विभिन्न मुठभेड़ो के दौरान अब तक कुल 131 माओवादियों के शव बरामद की गई, जिसमें सर्वाधिक जिला बीजापुर- 51, कांकेर-34 एवं नारायणपुर- 26 माओवादियों को मुठभेड़ में मार गिराया गया