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जिला कोरबा के अपर सेशन न्यायाधीश F.T.S.C.(POCSO) कोरबा के द्वारा पॉस्को अधिनियम के आरोपी को दी त्वरित राहत।

ग्राम दादरखुर्द कोरबा निवासी अतुल पटेल पिता खिख राम पटेल के विरुद्ध धारा 366, 376(2)(n) भारतीय दंड संहिता 1860 एवं धारा 06 लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम (पास्को अधिनियम) अंतर्गत मानिकपुर चौकी के द्वारा अपराध दर्ज कर न्यायालय अपर सेशन न्यायाधीश, F.T.S.C. (POCSO) कोरबा पीठासीन न्यायाधीश विक्रम प्रताप चन्द्रा के न्यायालय में प्रस्तुत किया। अतुल पटेल के ऊपर यह आरोप लगाया गया था कि उसने अवयस्क पीड़िता को विवाह करने के लिये विवश या विलुब्ध करने के आशय से उसका व्यपहरण कर 18 वर्ष से कम आयु की पीड़िता को बिलासपुर के किराये के मकान में ले जाकर उसके साथ एक से अधिक बार बलात्संग/गुरुतर प्रवेशन लैंगिक हमला कारित किया। दिनांक 03/03/2024 को रात्रि 10.30 घर के सभी लोग खाना खाकर अपने-अपने घरों में सोने चले गये दूसरे दिन दिनांक 04/03/2024 को प्रातः 05:00 बजे जब सोकर उठे तो देखे की घर का मुख्य द्वार खुला है। तथा पीड़िता घर पर नहीं है। आस-पड़ोस रिश्तेदारी में पता करने पर भी कोई जानकारी ना मिलने पर उन्हें शंका हुई कि अतुल पटेल पीड़ित को भगाकर ले गया तब उनके द्वारा उसके विरुद्ध मानिकपुर चौकी में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करवाई। इस पर आरक्षी केंद्र कोतवाली कोरबा में अतुल पटेल के विरुद्ध प्रथम सूचना प्रतिवेदन लेखबद्ध कर अपराध क्रमांक 139/2024 दर्ज कर धारा 366, 376(2)(n) भारतीय दंड संहिता 1860 एवं धारा 06 लैंगिक अपराधों से बालकों के संरक्षण अधिनियम (पास्को अधिनियम) अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध किया। शासन की ओर से विशेष लोक अभियोजक अरुण कुमार ध्रुव रहे तथा आरोपी की प्रतिरक्षा वरिष्ठ वकील प्रशांत कुमार धुर्य ने प्रस्तुत की। इस प्रकरण में अपर सेशन न्यायाधीश, F.T.S.C. (POCSO) कोरबा पीठासीन न्यायाधीश विक्रम प्रताप चन्द्रा जी ने दिनांक 20/06/2024 को फैसला सुनते हुये आरोपी को बड़ी राहत देते हुये उसके दिनांक 21/03/2024 से लेकर 20/06/2024 तक केवल 02 माह 30 दिन में उसे समस्त अपराधों में बाईज्जत बरी करने का आदेश पारित कर त्वरित राहत प्रदान किया। इतने कम समय में इतने बडे मामले का निराकरण उनके द्वारा किये जाने से न्याय के प्रति आम लोगों की आस्था बढ़ी है।

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